हॉस्टल टू हॉस्टल, मेस टू मेस अभियान के साथ चल रहा है प्रचार का काम
Delhi News : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP JNU) की ओर से जेएनयू में एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है। परिषद के कार्यकर्ता छात्रावासों, कक्षाओं, कैंटीन, मेस आदि में जाकर छात्रों से संपर्क कर रहे हैं।
अभाविप के कार्यकर्ता छात्रों से चुनाव में भाग लेने एवं लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी सहभागिता दर्ज कराने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। साथ ही सेंट्रल पैनल के उम्मीदवार अध्यक्ष- उमेश चंद्र अजमीरा, उपाध्यक्ष- दीपिका शर्मा सचिव- अर्जुन आनंद, संयुक्त सचिव- गोविंद डांगी, प्रत्येक छात्र तक पहुंचकर अभाविप द्वारा पिछले पांच वर्षों में परिसर, प्रवेश, परीक्षा, परिणाम, छात्रावास एवं फेलोशिप के विषयों में किए गए सकारात्मक कार्यों के बारे में अवगत करा रहे हैं।
ABVP JNU Students Union
जेएनयू में पांच वर्ष बाद हो रहा है छात्र संघ चुनाव
बता दें कि जेएनयू में छात्र संघ का चुनाव पांच वर्ष बाद हो रहा है। इस कारण अधिकतर छात्रों को जेएनयूएसयू पहली बार देखने का अवसर मिल रहा है। परिणामस्वरूप छात्रों में उत्साह भी अधिक है। अभाविप पिछले पांच वर्ष से जेएनयू परिसर में छात्रों के लिए लगातार सक्रिय रहकर सकारात्मक कार्य करने वाला अकेला छात्र संगठन है, जिसने कोरोना लॉकडाउन के समय भी सक्रिय रहते हुए छात्रों के लिए कार्य किया है।
जेएनयूएसयू चुनाव हेतु विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता छात्रावासों में रूम टू रूम एवं विभिन्न स्कूल्स में क्लास टू क्लास कैंपेन के माध्यम से प्रत्येक छात्र तक पहुंच रहे हैं। साथ ही अभाविप द्वारा छात्रों के हित में किए गए कार्यों से अवगत करा रहे हैं।
ABVP JNU Election News
अभाविप के प्रत्याशियों को मिल रहा है छात्रों का सहयोग
अभाविप की जेएनयू इकाई का दावा है कि वर्ष भर अभाविप द्वारा आयोजित गतिविधियों में प्रतिभागिता करते रहने के कारण छात्रों में उत्साह दिख रहा है। यही कारण है कि छात्रों की ओर से अभाविप प्रत्याशियों को बहुत सहयोग भी प्राप्त हो रहा है।
अभाविप जेएनयू के मंत्री विकास पटेल ने कहा कि अभाविप प्रत्याशियों द्वारा किए जा रहे छात्र संपर्क अभियान में छात्रों के उत्साह को देखते हुए अभाविप को विश्वास है कि छात्र इस चुनाव में अभाविप का पुरजोर समर्थन करेंगे और जेएनयू में एक मजबूत और प्रभावी छात्रसंघ का निर्माण करेंगे। हमारा मानना है कि छात्रों की भागीदारी ही विश्वविद्यालय में लोकतंत्र को मजबूत कर सकती है।
-अनुवादक खबर ऑटोमेटेड फीड, मामूली संपादन
क्या आप कम खर्च में एक शानदार वेबसाइट चाहते हैं? तो यहां क्लिक करें।