पीड़िता ने नर्सिंग की नौकरी छोड़कर समाज सेवा के लिए किया था जीवन समर्पित, अब बिगड़ा मानसिक संतुलन
Delhi News : देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर निर्भया कांड (Nirbhaya Case) जैसे घिनौने कृत्य का गवाह बनी है। उड़ीसा से दिल्ली आई एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ दिल्ली के तीन दरिंदों ने ऐसा काम किया, जिसे वह पूरी जिंदगी नहीं भूल सकती। इस कांड का खुलासा घटना के लगभग एक महीने बाद हुआ।
दिल्ली पुलिस ने लगभग 21 दिनों की खोजबीन के बाद इस घटना में शामिल तीनों दरिंदों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। दूसरी और गहरा सदमा लगने के कारण पीड़िता अभी एम्स के मनोचिकित्सक विभाग में भर्ती है। उसके निजी अंगों का ऑपरेशन भी किया गया है।
Nirbhaya Case In Delhi
नर्सिंग की नौकरी छोड़ समाज सेवा के लिए जीवन किया था समर्पित
पीड़िता ने मास्टर इन सोशल वर्क की डिग्री लेने के बाद नर्सिंग की नौकरी की थी और फिर उसने नौकरी छोड़कर अपना पूरा जीवन गरीबों, महिलाओं और समाज की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। वह सामाजिक कार्य के लिए एक नए अवसर की तलाश में उड़ीसा से दिल्ली आई थी। उसने सामाजिक क्षेत्र में 8 वर्षों तक काम किया था।
उड़ीसा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस युवती ने 2007-2010 में आर्ट्स में बीए, 2009-2011 में सहायक नर्सिंग मिडवाइव्स और 2011-2013 में मास्टर इन सोशल वर्क की डिग्री हासिल की थी।
Nirbhaya Case Becomes Victim
कुछ समय तक किशनगढ़ थाना क्षेत्र में ननों के साथ भी रही थी
मिली जानकारी के अनुसार उस युवती ने 2010-2012 में एचआईवी एड्स के साथ रहने के लिए रिसर्च फेलो ले रखी थी। इसके बाद 2012-2014 में वह स्वच्छता जागरूकता के लिए महिला शक्ति में सामुदायिक नेता भी बनी थी। वर्ष 2014-2018 तक उसने नर्सिंग की पढ़ाई की और इसके बाद वह उड़ीसा में काउंसलर बनी। वह एक एनजीओ में फैसिलिटेटर थी। उसे तीन भाषाओं का ज्ञान है।
इस दौरान किसी ने उसे अच्छा काम दिलाने के नाम पर दिल्ली बुलाया था। कुछ समय बाद वह किशनगढ़ थाना क्षेत्र में ननों के साथ रहने लगी। यहां उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था, जिसके बाद वह सड़क पर आ गई। एक नन ने किशनगढ़ थाने में इसकी रिपोर्ट दी थी। इसके बाद उड़ीसा से उसके परिजन दिल्ली आए थे, परंतु वह उनके साथ वापस नहीं गई।
Nirbhaya Case On Delhi Road
भटकते हुए पहुंची आईटीओ, दरिंदों ने अंधेरे में किया सामूहिक दुष्कर्म
मिली जानकारी के अनुसार ननों के पास रहने के दौरान मानसिक संतुलन बिगड़ने पर पीड़िता वहां से निकलकर सड़कों पर भटकने लगी थी। दिल्ली की सड़कों पर भटकते-भटकते वह पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंच गई थी। यहां उसने वेटिंग रूम में लगभग डेढ़ महीने गुजारे थे। इसी दौरान पिछले 10 और 11 अक्टूबर की रात वह पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से निकलकर रात लगभग 9 बजे आईटीओ पहुंच गई।
आईटीओ के पास आरोपी शमशुल और प्रमोद ने उसे पकड़ लिया और उसे खींचकर मेट्रो स्टेशन के पास अंधेरी झाड़ियां में ले जाने लगे। इसी दौरान वहां से गुजर रहे ऑटो चालक प्रभु ने उन्हें देख लिया। फिर तीनों ने साथ मिलकर युवती के साथ दरिंदगी की।
इतना ही नहीं, दरिंदगी करने के बाद ऑटो चालक प्रभु उसे ऑटो में बिठाकर फिरोजशाह कोटला किले के पीछे सर्विस रोड पर ले गया। इस दौरान उसने ऑटो में ही युवती के साथ कई बार दुष्कर्म और दरिंदगी की। फिर उसे अर्धनग्न अवस्था में छोड़कर भाग निकला।
Nirbhaya Case In Capital
निजी अंगों से बहता रहा खून, लेकिन नहीं आई गुजरने वालों को दया
अपने साथ हुई दरिंदगी के कारण बदहवास हो चुकी युवती अर्धनग्न अवस्था में ही राजघाट से पैदल चलते हुए सराय काले खां पहुंच गई। इस दौरान रिंग रोड पर से होकर हजारों वाहन गुजरे। उसके निजी अंगों से खून बहता रहा, लेकिन किसी को भी युक्ति पर दया नहीं आई।
इसी बीच सराय काले खां पर एक नौसेना के अधिकारी की नजर पीड़िता पर पड़ी। उन्होंने दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार यदि नौसेना के अधिकारी ने पुलिस को सूचना नहीं दी होती, तो पीड़िता की मौत भी हो सकती थी। एम्स में युवती के निजी अंगों का ऑपरेशन भी हुआ।
Nirbhaya Case In Delhi Night
लगभग 21 दिनों की मशक्कत के बाद पुलिस की पकड़ में आए आरोपी
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह के अनुसार गहरा सदमा लगने के कारण युवती अभी एम्स के मनोचिकित्सक विभाग में भर्ती है। उन्होंने बताया कि लगभग 21 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद तीनों आरोपियों ऑटो चालक प्रभु और कबाड़ी की दुकान पर काम करने वाले शमशुल लंगड़ा एवं प्रमोद को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आरोपियों के पकड़े जाने के बाद पीड़िता के साथ हुई दरिंदगी का खुलासा हुआ। पुलिस ने गांधी स्मृति वाले सर्विस रोड से पीड़िता की खून से सनी सलवार बरामद कर ली है। साथ ही आरोपी प्रभु का ऑटो भी बरामद कर लिया गया है।
-अनुवादक खबर ब्यूरो
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